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  • काश किसानों की तरह पढ़े-लिखे लोग भी सड़कों पर आ जाते, न एयरपोर्ट बिकता, न रेलवे स्टेशन, न LIC, BPCL बिकती, न नौकरी जाती, न बेरोजगारी बढ़ती, न जीडीपी गिरती!: दिलजीत दोसांझ (hi)
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